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जय श्री राम







मस्जिद 🕌नहीं अब ⛩️⛩️⛩️⛩️⛩️ मंदिर बने गा । 





इस  कलयुग में एक दिन ऐसा हिन्दुत्व राज आएगा , जब मुस्लिम भी राम -राम चिल्लाएगा ।

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जो भी राम भक्त है वो जरूर किसी और को भेजेंगे 

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राम नाम की जय जय कार करने वाले लोग जरूर सुने

 Written by Rohit Maurya भारत का इतिहास कौन भूल सकता है (जैसे विक्रमादित्य के दरबार में कालिदास राज्य कवि थे और उन्होंने विक्रमादित्य को सामने रख कर काव्य लिखा) ऐसे ही पुष्यमित्रशुंग के दरबार में बाल्यमिकी राज्य कवि थे , और बाल्यामिकी ने पुष्यमित्रशुंग को सामने रख कर रामायण लिखा। राम कौन था ?  मौर्य साम्राज्य के दसवे शासक (brihadratha maurya)  का धोखे से हत्या करने वाला  पुष्यमित्रशुंग ही बना । और राम दसरथ का पुत्र भी नही था , वो श्रृंगऋषि का पुत्र था l ऐसा रामायण में भी लिखा गया है । दसरथ निपुत्र थे और  उनको संतान प्राप्त किया गया तो बायोलॉजिकली राम श्रृंगऋषि का पुत्र था । और राम कौन था सम्राट (brihadratha maurya) का हत्यारा था । और जब उसने ( brihadratha maurya) का हत्या किया तो वो पटना से भाग कर वाराणसी और वहां से भागा तो फैजाबाद में है और फैजाबाद के पास में जो 7 किलोमीटर का एरिया था उसने वहां अपना राजधानी बनाया अपना राज्य बनाया जिसका नाम अयोध्या रखा । अयोध्या नाम क्यों रखा ? और क्यों अयोध्या कहा जाता है? जिस राज्य को बिना युद्ध के जीता गया हो या बनाया गया उस राज्य को अयोध्या का जाता

पापा की परी का लिखा हुआ कविता जिसे देखकर आपका हृदय कांप जाएगा

लेखक : नंदिनी मौर्या   पापा कैसे बताऊं कि आप मेरे लिए क्या हो । आप मेरी जिंदगी और हर मर्ज की दवा हो ।। लोग बेटियों को अपने सर का बोझ समझते हैं । उन्हें अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाने से हिचकिचाते हैं।। लेकिन पापा आपने मुझे कभी भी अपने सर का बोझ ना  समझा और ना ही अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाने से हिचकिचाया । पापा आपने मुझे बेटी नहीं बेटे के रूप में  अपनाया ।। पापा आपने हाथ पकड़कर चलना सिखाया । कंधे पर बिठाकर मुझे घुमाया ।। घोड़े जैसा खिलौना बन कर मुझे खिलाया। पापा आपने मुझे बेटी नहीं बेटे के रूप में अपनाया ।। पापा अभी भी याद है मुझे वो  बचपन की बातें । जब आप मुझे स्कूल छोड़ने थे आते ।। पीठ पर बैग होता था एक हाथ में मैं दूसरे हाथ में छाता । जोरदार बारिश  में भी आज तक मैं कभी नहीं भीगी  लेकिन  आप हमेशा भीग जाते ।।  और खुद भीगने के बाद भी पहले मेरा बाल सुखाया । पापा आपने मुझे बेटी नहीं बेटे के रूप में अपनाया।। अभी भी याद है मुझे वो  मेरी नादान हरकतें । जब स्कूल में दाखिला लेने से पहले बोलती थी  अगर लड़कों का ड्रेस दोगे तभी  स्कूल जाना वरना नहीं