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पापा की परी का लिखा हुआ कविता जिसे देखकर आपका हृदय कांप जाएगा

लेखक : नंदिनी मौर्या  

पापा कैसे बताऊं कि आप मेरे लिए क्या हो ।
आप मेरी जिंदगी और हर मर्ज की दवा हो ।।
लोग बेटियों को अपने सर का बोझ समझते हैं ।
उन्हें अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाने से हिचकिचाते हैं।।
लेकिन पापा आपने मुझे कभी भी अपने सर का बोझ ना 
समझा और ना ही अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाने से हिचकिचाया ।
पापा आपने मुझे बेटी नहीं बेटे के रूप में  अपनाया ।।

पापा आपने हाथ पकड़कर चलना सिखाया ।
कंधे पर बिठाकर मुझे घुमाया ।।
घोड़े जैसा खिलौना बन कर मुझे खिलाया।
पापा आपने मुझे बेटी नहीं बेटे के रूप में अपनाया ।।


पापा अभी भी याद है मुझे वो  बचपन की बातें ।
जब आप मुझे स्कूल छोड़ने थे आते ।।
पीठ पर बैग होता था एक हाथ में मैं दूसरे हाथ में छाता ।
जोरदार बारिश  में भी आज तक मैं कभी नहीं भीगी
 लेकिन  आप हमेशा भीग जाते ।। 
और खुद भीगने के बाद भी पहले मेरा बाल सुखाया ।
पापा आपने मुझे बेटी नहीं बेटे के रूप में अपनाया।।

अभी भी याद है मुझे वो  मेरी नादान हरकतें ।
जब स्कूल में दाखिला लेने से पहले बोलती थी 
अगर लड़कों का ड्रेस दोगे तभी  स्कूल जाना वरना नहीं जाना।।
उस समय कोई मेरी भावनाओं को समझ नहीं पाया।
लेकिन एक आप ही थे जिन्होंने सबसे लड़ झगड़ कर  मुझे पैंट शर्ट पहनाया ।।
पापा आपने मुझे बेटी नहीं बेटे के रूप में अपनाया ।

अभी भी याद है वो  दिन जब स्कूल से  वापस आते ही स्टूल पर रखा
एक रुपए  झट से उठाया । 
और गली में खड़े आइसक्रीम वाले अंकल से आइसक्रीम लेकर खाया।।
पापा आपने मुझे बेटी नहीं बेटे के रूप में अपनाया।

अब जब थोड़ी बड़ी हुई होश संभाला ।
तो बस वही संडे का दिन याद आया ।।
उस बिहार होटल में जाकर नूडल्स, आइसक्रीम ,
मसाला डोसा आपने बहुत खिलाया ।
ना ही कभी पैसा देखा ना  ही कभी कीमत देखा  ।।
बस मेरी हर एक इच्छा को पूरा करने के लिए आपने अपना पूरा जी‌ जान लगाया ।
पापा आपने मुझे बेटी नहीं बेटे के रूप में अपनाया 

लेकिन अब जब बड़े हो गए तो ऐसा लगता कहां गए वह दिन वह साथ में आइसक्रीम और नूडल्स
खाना वह मस्ती किसी किताब के पन्ने में सिमट सी गई हो अब तो पता नहीं चलता संडे कब आया ।
अब तो पूरा दिन मैंने क्लास में सर के साथ पढ़ने में अपना समय बिताया ।।
लेकिन समय ने ना जाने कौन सा  चक्र  चलाया ।
हम सब तो बदल गए लेकिन पापा मैंने आपको आज भी वैसा ही पाया ।।
पापा आपने मुझे बेटी नहीं बेटे के रूप में अपनाया ।


लोग कहते हैं कि बेटियां तो पराया धन होती है ।
और शायद यही कारण है कि लोगों ने बेटियों को नहीं पढ़ाया ।।
लेकिन पापा आपने मुझे हर चीज का अवगत कराया ।
आपने अपना सभी फर्ज निभाया।।
पापा आपने मुझे बेटी नहीं बेटे के रूप में अपनाया ।
पापा आपने मुझे बेटी नहीं बेटे के रूप में अपनाया।।

बदलो अपने सोच को बदलो अपने विचार को https://www.youtube.com/channel/UC6icWlgCwp8ZE3w2Ge6Jxtw


करो कुछ  ऐसा की दुनिया याद कर जाए । ना करने वालो के लिए एक मैसेज है कि वक्त सबको मिलता है ज़िंदगी बदलने के लिए , लेकिन जिंदगी दुबारा नहीं मिलता वक्त बदलने के लिए ।। 
ये पापा कि परियो के लिए है एक पारी ने लिखा है ये दूसरी पारियों के लिए की समझो उस मां बाप के संस्कारों को  क्योंकि जिसका वर्तमान समय अच्छा नहीं होता उसे अच्छा नहीं बना सकता , उसका भविष्य अच्छा नहीं हो सकता और ना ही उसे वो अच्छा बना सकता है । हमारे आप  सब संस्कारी बने । पढ़ने के लिए धन्यवाद " 


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Comments

Unknown said…
no words to express feelings ....bahut acchaa likha h .....# salute to papa ki pari
Bahut accha line aapane likha aapke liye bahut sare dher badhaiyan aise hi hamen aap jankari dete rahen iske liye main apna aabhar vyakt karta hun kisi ke sath sath mein subah ka pranam karta hun

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